बालाजी भगवान विष्णु के एक अत्यंत पूजनीय रूप हैं, जिन्हें खासकर दक्षिण भारत में बड़े श्रद्धा से पूजा जाता है। बालाजी का मंदिर तिरुपति, आंध्र प्रदेश में स्थित है, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध और भक्तिपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। बालाजी को भगवान वेंकटेश्वर या वेंकटेश्वरस्वामी के नाम से भी जाना जाता है। उनकी मूर्ति बेहद विशिष्ट है, जो एक सुंदर और दिव्य रूप में खड़ी दिखाई देती है, और उनके भक्त उन्हें अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले देवता मानते हैं।

ओम जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी ।
दुख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

बाल समय में तुमने, रवि को भक्ष लियो ।
देवन स्तुति किन्ही, तुरतहिं छोड़ दियो ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

कपि सुग्रीव राम संग, मैत्री करवाई।
अभिमानी बलि मेटयो, कीर्ति रही छाई ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये ।
कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

शक्ति लगी लक्ष्मण को, भारी सोच भयो ।
लाय संजीवन बूटी, दुःख सब दूर कियो ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

रामहि ले अहिरावण, जब पाताल गयो ।
ताहि मारी प्रभु लाय, जय जयकार भयो ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

राजत मेहंदीपुर में, दर्शन सुखकारी ।
मंगल और शनिश्चर, मेला है जारी ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

श्री बालाजी की आरती, जो कोई नर गावे ।
कहत इन्द्र हर्षित, मनवांछित फल पावे ॥
॥ ओम जय हनुमत वीरा..॥

बालाजी की पूजा में श्रद्धालु विशेष रूप से उनकी दया, करुणा और सबकी रक्षा करने वाली शक्ति की स्तुति करते हैं। कहा जाता है कि बालाजी की भक्ति से सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तिरुपति मंदिर में सालभर लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं, जो अपनी मनोकामनाओं के लिए बालाजी से प्रार्थना करते हैं। यहाँ की पारंपरिक भेंट चढ़ाना और खास प्रसाद ‘लड्डू’ भी अत्यंत लोकप्रिय हैं, जो भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

बालाजी की महिमा और भक्तिमय कहानियाँ कई धार्मिक ग्रंथों और लोक कथाओं में वर्णित हैं। इनके प्रति श्रद्धा और भक्ति का माहौल इतना गहरा है कि हर वर्ष विशाल मेलों और त्योहारों का आयोजन होता है, जहाँ भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान की आराधना करते हैं। बालाजी की उपासना से आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। इस प्रकार बालाजी न केवल एक देवता हैं, बल्कि लोगों के जीवन में विश्वास, भक्ति और आशा का स्रोत भी हैं।

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