Trending News
श्री शिव चालीसा
Allkhabars May 25, 2025
श्री हनुमान चालीसा
Allkhabars May 25, 2025
गणपति स्तुति आरती ~ गणपति राखो मेरी लाज
Allkhabars May 25, 2025
साईं बाबा की आरती
Allkhabars May 19, 2025
राधारानी जी की आरती
Allkhabars May 19, 2025
करवा चौथ पर करवा माता की आरती
Allkhabars May 19, 2025
मां सरस्वती की वंदना
Allkhabars May 19, 2025
भगवान राम की आरती
Allkhabars May 19, 2025
संतोषी माता की आरती
Allkhabars May 18, 2025
कुबेर जी की आरती
Allkhabars May 18, 2025
कुंजबिहारी जी की आरती
Allkhabars May 18, 2025
गोर्वधन महाराज जी की आरती
Allkhabars May 18, 2025
तुलसी माता की आरती
Allkhabars May 18, 2025
एकादशी माता की आरती
Allkhabars May 18, 2025
गणपति स्तुति आरती ~ गणपति राखो मेरी लाज
गणपति स्तुति का विषय भगवान श्री गणेश की महिमा, उनके दिव्य स्वरूप और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली कृपा का वर्णन है। यह स्तुति भक्त के हृदय से निकली हुई वह प्रार्थना होती है, जो भगवान गणेश से उसकी समस्त विघ्न-बाधाओं को दूर करने की विनती करती है। गणेश जी को हिन्दू धर्म में विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता कहा गया है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं। गणपति स्तुति के माध्यम से यह विश्वास प्रकट होता है कि भगवान गणेश की आराधना से बुद्धि, विवेक, स्मृति और सफलता प्राप्त होती है।
स्तुति में उनके गजमुख, विशालकाय शरीर और सूर्य के समान तेजस्वी स्वरूप का सुंदर चित्रण होता है, जो उनके दिव्य गुणों को दर्शाता है। उनके चार हाथों में से एक में आशीर्वाद की मुद्रा, दूसरे में मोदक (लड्डू), तीसरे में अंकुश और चौथे में पाश होता है, जो दर्शाता है कि वे सुख भी देते हैं और अनुशासन भी सिखाते हैं। गणपति स्तुति केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि यह आत्मिक शांति और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने का एक माध्यम भी है।
गणपति स्तुतिः
गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्
उमासुतं शोक विनाशकारणं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥
गणपति राखो मेरी लाज
गणपति राखो मेरी लाज, गणपति राखो मेरी लाज।
पूरन कीजै मेरे काज, पूरन कीजै मेरे काज।।
गणपति राखो मेरी लाज।
तू भक्तों का प्यारा है सबका पालनहारा है।
भयहारी दुखहारी तू करता मूषक सवारी तू।।
तू ही विघ्न-विनाशक है दीनजनों का रक्षक है।
तेरा ही हम नाम जपें, तुझको हम प्रणाम करें।।
सदा रहे खुशहाल गणपति, लाल जो प्रथमें तुम्हे ध्यावे।
गौरी पुत्र प्यारे जगत से न्यारे वो तुझसे सब पावे।
तेरी दया का मैं मोहताज, तेरी दया का में मोहताज।
गणपति राखो मेरी लाज।।
हे शंभु के लाल प्रभु किरपाल में आया शरण तिहारी
हे गिरिजा के लाल प्रभु दिग्पाल तेरी है महिमा न्यारी
विनती सुनलो मेरी आज, विनती सुनलो मेरी आज।
गणपति राखो मेरी लाज।।
यह स्तुति साधारण शब्दों में कही गई एक ऐसी अनुभूति है, जो व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता को दूर कर उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। विद्यालयों, मंदिरों, घरों और किसी भी शुभ कार्य में गणपति स्तुति को पढ़ा या गाया जाना इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति अपने जीवन की शुरुआत भगवान गणेश की कृपा से करना चाहता है। इस प्रकार, गणपति स्तुति का विषय न केवल धार्मिक है, बल्कि वह मानव जीवन में विश्वास, ऊर्जा और मंगलकामना का संचार भी करता है।
