Trending News
श्री शिव चालीसा
Allkhabars May 25, 2025
श्री हनुमान चालीसा
Allkhabars May 25, 2025
गणपति स्तुति आरती ~ गणपति राखो मेरी लाज
Allkhabars May 25, 2025
साईं बाबा की आरती
Allkhabars May 19, 2025
राधारानी जी की आरती
Allkhabars May 19, 2025
करवा चौथ पर करवा माता की आरती
Allkhabars May 19, 2025
मां सरस्वती की वंदना
Allkhabars May 19, 2025
भगवान राम की आरती
Allkhabars May 19, 2025
संतोषी माता की आरती
Allkhabars May 18, 2025
कुबेर जी की आरती
Allkhabars May 18, 2025
कुंजबिहारी जी की आरती
Allkhabars May 18, 2025
गोर्वधन महाराज जी की आरती
Allkhabars May 18, 2025
तुलसी माता की आरती
Allkhabars May 18, 2025
एकादशी माता की आरती
Allkhabars May 18, 2025
संतोषी माता की आरती
संतोषी माता एक लोकपूज्या देवी हैं, जिन्हें संतोष, धैर्य और श्रद्धा की प्रतीक माना जाता है। उनका नाम ही उनके स्वरूप और शक्ति का परिचय देता है—जो अपने भक्तों को संतोष प्रदान करती हैं और उनके जीवन से दुःख-दर्द दूर करती हैं। संतोषी माता की पूजा मुख्यतः भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुक्रवार के दिन की जाती है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक माता का व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। माता का व्रत सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। व्रत में खट्टी चीज़ों का त्याग कर केवल गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जो उनकी कृपा प्राप्ति का माध्यम है।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन को, सुख संपत्ति दाता।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
सुंदर, चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ..
स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए।
बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे।
ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..
संतोषी माता की कथा भी अत्यंत प्रेरणादायक और भावपूर्ण है, जिसमें एक सामान्य स्त्री अपनी आस्था, धैर्य और विश्वास के बल पर माता की कृपा से सभी दुखों से मुक्ति पाती है। यह कथा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि जीवन में संतोष, धैर्य और विश्वास जैसे गुणों का महत्व भी समझाती है। माता की पूजा किसी विशेष जाति, वर्ग या आयु से बंधी नहीं है; वे सब पर समान रूप से कृपा करती हैं। संतोषी माता का स्वरूप सौम्य, करुणामयी और वात्सल्यमयी बताया जाता है, जो अपने भक्तों की विनम्र प्रार्थना से शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं।
आज के युग में, जब हर कोई जीवन की दौड़ में असंतोष और चिंता से घिरा हुआ है, संतोषी माता की उपासना एक मानसिक शांति और संतुलन का साधन बन सकती है। उनकी भक्ति हमें सिखाती है कि बाहरी सफलता से अधिक आवश्यक है — मन का संतोष। यही कारण है कि संतोषी माता केवल एक देवी नहीं, बल्कि संतोष और श्रद्धा की जीवंत प्रतीक बन चुकी हैं।
