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श्री लक्ष्मी माता की आरती
श्री लक्ष्मी माता हिंदू धर्म में धन, समृद्धि, सौभाग्य और शुभता की देवी हैं। उन्हें भगवान विष्णु की पत्नी और उनकी शक्ति स्वरूपा माना जाता है। लक्ष्मी माता को अक्सर सुनहरे वस्त्रों में, कमल के फूल पर विराजमान और चार हाथों वाली सुंदर देवी के रूप में दर्शाया जाता है। उनके चार हाथों में धन के प्रतीक स्वरूप कमल, शंख, श्रीफल और वरमुद्रा होते हैं, जो उनकी दिव्य शक्तियों और कृपा को दर्शाते हैं।
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। मैया सुख सम्पत्ति दाता॥
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता॥ कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता॥ सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता॥ खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता॥ रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
मैया जो कोई जन गाता॥ उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
दोहा
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि। हरिप्रिये नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् दयानिधे।।
पद्मालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं च सर्वदे। सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं।।
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए।
लक्ष्मी माता की पूजा विशेष रूप से धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति के लिए की जाती है। माना जाता है कि उनकी कृपा से घर-परिवार में खुशहाली आती है, आर्थिक समृद्धि होती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसे धन और समृद्धि की देवी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं और माता लक्ष्मी से अपनी संपत्ति और सुख-शांति की कामना करते हैं।
लक्ष्मी माता की भक्ति से न केवल भौतिक समृद्धि मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक विकास और मन की शांति भी प्राप्त होती है। वह संसार की सभी बाधाओं को दूर करने वाली दयालु देवी हैं, जो भक्तों को हमेशा अपने आशीर्वाद से परिपूर्ण करती हैं। इसलिए श्री लक्ष्मी माता को हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय और प्रिय देवी माना जाता है।
